Cm नीतीश कुमार गया के विष्णुपद मंदिर में अपने पूरे लश्कर के साथ दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने वहां पहुंचकर पूजा अर्चना की। हिंदू धर्म में पूजा करना कोई बड़ी बात नहीं है। सभी लोग करते है।
पर उन्होंने अपने साथ अपने एक मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी को लेकर गए थे। जो की विवाद का मुख्य कारण है।
आमतौर पर गया के विष्णुपद मंदिर में हिंदू धर्म के long apne पूर्वजों को पिण्ड दान करने आते हैं। इसी कारण से यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित किया गया है।
नीतीश कुमार ये जानते हुए की इस मंदिर में मुसलमान का पर्वेश वर्जित है फिर भी वे इसराइल मंसूरी को सिर्फ मंदिर में ही नहीं बल्कि गर्भगृह के पास भी ले गए।
ईससे बबाल मचना लाजमी था। बीजेपी ने नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया और इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया।
अपमान हो भी क्यों ना? जब हजारों सालों से इस मंदिर में मुसलमान का प्रवेश वर्जित है तो नीतीश कुमार को इस मंदिर में किसी भी मुसालम को नहीं ले जाना चाहिए था। चाहे वो कोई भी हो।
मन्दिर का पंडित समाज इससे नाराज।
मंदिर समिति के इजाजत के बगैर नीतीश कुमार अपने साथ अपने मुस्लिम मंत्री को मंदिर में लेकर गए। इससे मंदिर में रहने वाले पंडा समय में काफी रोष है और cm नीतीश कुमार का काफी विरोध कर रहे हैं।
भगवान को भोग लगाने से पहले मंदिर को धुलवाया गया।
श्री विष्णुपद मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष संभूलाल ने बताया कि पूरे मंदिर परिसर को धोया जायेगा और मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके बाद ही भगवान को भोग लगाया जाएगा और पूजा शुरू होगी।
मन्दिर प्रशासन का कहना है कि नीतीश कुमार ने करोड़ों भक्तों का अपमान किया है। अगली बार से ये खयाल रखा जायेगा की कोई भी विधर्मी मंदिर परिसर में प्रवेश ना कर पाए।
श्री विष्णुपद मन्दिर की गरिमा को बरकरार रखा जायेगा।
Ek no bhai lage raho or chapte raho
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